अब तक तो इबादत हमने की ही नहीं ;
ढूढ़ते रहे खुदा पर वो मिला ही नहीं ,
खुदा की खुदाई हम क्या जाने ;
जब से देखा है तुझे , तुझे ही खुदा हम माने,
तेरा ही दीदार किया रात दिन बस इतनी सी खता कर बैठे ;
रिश्तों की डोर तोड़कर तुझपर ही जान लुटा बैठे ,
अरमां तो इतने थे दिल में मेरे पर तुझे देखकर समझ ना आया की तुझसे कहते भी तो क्या कहते ?
ढूढ़ते रहे खुदा पर वो मिला ही नहीं ,
खुदा की खुदाई हम क्या जाने ;
जब से देखा है तुझे , तुझे ही खुदा हम माने,
तेरा ही दीदार किया रात दिन बस इतनी सी खता कर बैठे ;
रिश्तों की डोर तोड़कर तुझपर ही जान लुटा बैठे ,
अरमां तो इतने थे दिल में मेरे पर तुझे देखकर समझ ना आया की तुझसे कहते भी तो क्या कहते ?
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