क्यूँ वो यादों का साया साथ रहता है?
क्यूँ वो ही शख्स हमेशा पास रहता है?
क्यूँ ये दूरियाँ हो जाती है
?
क्यूँ ये सांसे ठहर जाती है?
क्यूँ टूट के बिखर जातें हैं सपने
?
क्यूँ ये पराये हो जातें हैं अपने?
अगर ये इश्क गुनाह है तो मुझे
,
कुबूल है क़ुबूल है क़ुबूल है
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