Wednesday, 24 April 2013

My worthless efforts-from nowhere to you



तुमसे मुलाक़ात होने के बाद तुम्हारे बारे में ही सोचने लगा हूँ,

तुमसे बातें करने के बाद तुमपे ही मरने लगा हूँ ,

तुम्हारे लाख मना करने के बाद भी तुम्हारा पीछा करने लगा हूँ ,

तुम्हारे ना चाहते हुए भी तुमसे दिल्लगी करने लगा हूँ,

तू सदा खुश रहे इसलिए तेरे आंसूं को अपना मानने लगा हूँ,


जिंदगी के सफर में अकेले चलते चलते तुम्हारे साथ चलने कि ख्वाइश करने लगा हूँ ............... 

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